मध्यप्रदेश में 7 हजार 429 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी

मध्यप्रदेश में 7 हजार 429 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी

कम समय में 274 सीएम राइज स्कूलों का संचालन और इनमें 2 लाख 40 हजार 818 विद्यार्थियों का नामांकन राज्य शासन की गौरवमयी उपलब्धि है। सीएम राइज स्कूल का वातावरण पालक और विद्यार्थियों को आकर्षित कर रहा है। इस आकर्षण को बनाए रखना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सर्वांगीण विकास तथा विद्यार्थियों को भविष्य के लिये तैयार करना वही चुनोती है। मध्यप्रदेश में 7 हजार 429 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुये कहीं।
भोपाल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश के विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता और अवधारणाओं की समझ को बढ़ाना है। शालाओं में अधिक से अधिक नामांकन, विद्यार्थियों की नियमित और सतत उपस्थिति तथा गुणवत्ता में निरंतर सुधार का लक्ष्य तय कर स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों का संचालन किया जाए।
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप, केंद्र शासन की प्राथमिकताओं की पूर्ति के लिए जारी गतिविधियों की जानकारी दी गई। आंगनवाड़ियों के लिए विकसित शैक्षणिक सामग्री और टीचिंग लर्निंग मटेरियल प्रस्तुत किया गया। बताया गया कि 80 हजार प्राथमिक और अतिथि शिक्षकों का 5 दिवसीय प्रशिक्षण कराया गया है। शिक्षक
मध्यप्रदेशमुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुये। शिक्षकों को दिया जा रहा है प्रभावी प्रशिक्षण
सीएम राइज स्कूलों के संचालन के लिए प्राचार्य और उप प्राचायों के प्रशिक्षण के साथ चयनित शिक्षकों और स्कूल लीडर्स का प्रभावी प्रशिक्षण किया गया है। सीएम राइज स्कूल के सौंदर्यीकरण और कक्षाओं को रुचिकर बनाने के लिए प्ले बीम आधारित पेंटिंग्स की गई है। स्कूलों में विजन, मिशन और वैल्यू बोर्ड लगाए गए हैं। शालाओं के प्रति आकर्षण बढ़ाने प्रवेश उत्सव मनाए गए। सीएम राइज स्कूल में डिजिटल कक्षा, सुसज्जित पुस्तकालय, समृद्ध प्रयोगशालाएं और उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। स्कूल की अकादमिक संस्कृति को बदलने के लिए विभिन्न गतिविधियां भी चलाई गई।
प्रशिक्षक नीति और क्षमता संवर्धन के लिए निरंतर गतिविधियां चलाई जा रही हैं। प्रदेश में 7 हजार 429 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। पांचवीं और आठवीं के परीक्षा परिणामों के विश्लेषण के आधार पर अकादमिक उन्नधन योजना
नियमितीकरण को लेकर अतिथि शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन
महिदपुर | नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों द्वारा सोमवार को हड़ताल की गई, जिसमें क्षेत्र के समस्त अतिथि शिक्षकों ने तहसील कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की। साथ ही अतिथि शिक्षकों ने हाथों में पंपलेट लेकर तहसील कार्यालय परिसर से एक रैली निकाली, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुनः तहसील कार्यालय परिसर पहुंची। यहां पर सीएम शिवराजसिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार विनोद कुमार शर्मा को सौंपा, जिसमें अतिथि
तराना पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अतिथि शिक्षक संघ ने शासकीय आदेशों की होली जलाई पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अतिथि शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष तूफान शर्मा ने बताया संगठन द्वारा पूरे मध्यप्रदेश में 5 सितंबर शिक्षक दिवस का बहिष्कार किया गया। मध्यप्रदेश शासन के संरक्षण में बैठे शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अपने सगे संबंधियों को लाभ पहुंचाने के लिए शिक्षक भर्ती 2018 में अनेकों बार रातों रात नियमों में संशोधन किए, जिससे कि मध्य प्रदेश से बाहर जैसे पश्चिम बंगाल, दिल्ली, बिहार, पंजाब, हरियाणा अनेकों राज्यों से अभ्यर्थियों का चयन हो गया तथा हजारों की संख्या में मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक जो कि विगत 15 वर्षों से बहुत अल्प
शिक्षकों ने 12 माह का वेतनमान एवं 62 वर्ष तक सेवाकाल देने की मांग की गई। साथ ही अतिथि शिक्षकों के वेतन में प्रतिवर्ष वृद्धि करने एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की मांग की गई। वहीं अतिथि शिक्षकों की विभागीय परीक्षा का आयोजन कर नियमितीकरण किया जाए। इस दौरान अतिथि शिक्षकों ने एक सभा का आयोजन भी किया, जिसमें वक्ताओं ने शिक्षा के क्षेत्र में अतिथि शिक्षकों द्वारा दी जा रही सेवाओं के बारे में जानकारी दी।
अतिथि शिक्षक संघ ने शासकीय आदेशों की होली जलाई, ज्ञापन
मानदेय पर कार्य करके मध्यप्रदेश सरकार का अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहयोग कर रहे थे, उन्हें बोनस अंक देकर चयन करने की अपेक्षा शिक्षा विभाग से ही बाहर निकाला जा रहा है। असंवैधानिक रूप से दिया गया 25% आरक्षण का मध्यप्रदेश के समस्त अतिथि शिक्षकों द्वारा 4 जुलाई 2019 के आदेश तथा 25% आरक्षण के आदेशों की होली जलाकर अपना आक्रोश प्रकट किया। मुख्यमंत्री के नाम अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन दिया। इस दौरान अतिथि शिक्षक संघ से विजय कुमार पटेल, हरिसिंह गुर्जर, देवेंद्र रावल, लाखन सिंह चौहान, ईश्वर सोलंकी अजय पाटीदार सहित अनेकों अतिथि शिक्षक उपस्थित थे।

PEB का नाम अब होगा कर्मचारी सिलेक्शन बोर्ड

मप्र सरकार प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का नाम बदलकर अब कर्मचारी सिलेक्शन बोर्ड करने जा रही है। इसके लिए आगामी विधानसभा सत्र के दौरान मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश करेगी। यह तीसरा मौका होगा जब पीईबी का नाम बदला जा रहा है। मानसून सत्र के दौरान करीब 15 अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। विस सत्र 13 से 17 सितंबर तक आयोजित होगा।
मप्र विधानसभा का मानसून सत्र इस बार जुलाई की बजाए सितंबर में होने जा रहा है। पांच दिन के सत्र में पहली बार सदन की कार्यवाही शनिवार को भी होगी। सत्र के दौरान प्रथम अनुपूरक बजट के अलावा मप्र सिविल न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022, मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल (संशोधन) विधेयक 2022, मप्र निजी विवि (स्थापना एवं संचालन) संशोधन विधेयक, जिसमें कैबिनेट ने निजी क्षेत्र में 7 नए विश्वविद्यालय खोलने की मंजूरी दी है। इसके अलावा बरकतउल्लाह (बीयू) एवं राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार के तहत जिलों का बंटवारा किया जाएगा। अभी बीयू के अधीन कई जिले आते थे। साथ ही मप्र नगरपालिका विधि संशोधन, मप्र नगरपालिका विधि द्वितीय संशोधन
विधानसभा सत्र के दौरान मंत्रियों द्वारा की जाने वाली किसी जांच की घोषणा, कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे या किसी विकास कार्य को कराने का आश्वासन तो दे दिया जाता है, लेकिन विभागों में ये 5-5 साल तक नहीं निपटाए जाते। ऐसे सबसे ज्यादा आश्वासन नगरीय विकास के अलावा स्कूल शिक्षा में 149, लोक निर्माण में 99, गृह विभाग में 83, खाद्य नागरिक आपूर्ति में 65, सहकारिता में 61, जनजातीय कार्य में 49, पंचायत एवं ग्रामीण विकास में 48 तथा कृषि कल्याण में 48 आश्वासन पेंडिंग हैं। केवल पीडब्ल्यूडी ने 99 में से करीब 30 का निराकरण किया है।
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